मेवाड़ के लॉ छात्रों ने समझी नेपाली कानून की बारीकियां।
नेपाल-भारत मैत्री को और मजबूत करने की आवश्यकता-जस्टिस सिद्दीकी।
शकील अहमद सैफ
गाजियाबाद, नेपाल हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस डॉ. सलाहुद्दीन अख्तर सिद्दीकी कल मेवाड़ लॉ कॉलेज में कानून के छात्रों से रूबरू हुए और उन्हें नेपाली कानून की बारीकियों से अगवत कराया,ज्ञात रहे समाजिक संस्थान रसम और मेवाड़ द्वारा एक कार्यक्रम के अंतर्गत जस्टिस डॉ. सलाहुद्दीन अख्तर सिद्दीकी मेवाड़ कॉलेज के विवेकानंद सभागार में पधारें थे। जस्टिस सिद्दीकी ने अपने सम्बोधन में कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संवाद बढ़ाने की आवश्यकता है। दोनों देशों के बीच लीगल और ज्युडीशियल सिस्टम के बारे में जन सामान्य को जागरूक करने की दिशा में बार और सरकार को मिलकर काम करना चाहिए। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस ने रसम संस्था की मदद से नेपाल-भारत संबंध विधि एवं न्याय विषय पर चलाये जा रहे शांति एवं विकास अभियान के अंतर्गत एक सेमिनार आयोजित किया,इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने में मेवाड़ इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ.अशोक कुमार गदिया का विशेष योगदान रहा, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे डाॅ. सलाहुद्दीन अख्तर सिद्दीकी ने ये विचार प्रकट किये। उन्होंने कहा कि खुले बॉर्डर के प्रबंधन में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ त्वरित उपायों की आवश्यकता है, ताकि जन सामान्य को परेशानी न हो व असामाजिक तत्वों को बढ़ावा न मिले। व्यापार एवं परिवहन को भी व्यवस्थित करते हुए इसे बढ़ाने की आवश्यकता है,इस अवसर पर बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के प्रेसिडेंट श्री के.सी.मित्तल ने कहा कि दोनों देशों की बार और सरकार को मिलकर इन विषयों पर आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट बार कौंसिल का एक प्रतिनिधिमंडल नेपाल जाकर इसका अध्ययन करने के लिए तैयार है। इस अवसर पर मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल व रसम के संयोजक संदीप त्यागी ने नेपाल-भारत के पुराने संबंधों का वर्णन करते हुए साझी संस्कृति-साझी विरासत के महत्व पर प्रकाश डाला,साथ ही एकता एवं आपसी सामंजस्य द्वारा नेपाल-भारत मैत्री को और मजबूत करने की दिशा में काम करने की महती आवश्यकता पर बल दिया, डॉ.अलका अग्रवाल ने कहा कि शांति एवं विकास के इस मिशन में आपसी सहयोग को बढ़ाकर दोनों देशों के बीच बढ़ रहे असंतोष को कम करने के लिए कदम उठाने की आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि दोनों देशों के हित में खुशहाली व समृद्धि आ सके,सेमिनार में मौजूद विधि विभाग के विद्यार्थियों ने उपस्थित अतिथियों से अनेक सवाल भी किये, जिनके उन्हें संतोषजनक जवाब मिले। इससे पूर्व डाॅ. अलका अग्रवाल ने डाॅ. सलाहुद्दीन सिद्दीकी वश्री के.सी. मित्तल का मेवाड़ की ओर से पुष्पगुच्छ व स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया,व कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी आगंतुकों का आभार भी जताया,प्रोग्राम का सफल संचालन प्रोफेसर श्रीमती सुमेधा गंजू ने किया।